Police Incharge of Issuapur , Chapra Sanjay Tiwari shot dead during Bank robbery at Chapra Bihar dated 22-12-2014
बिहार विधानसभा में सोमवार को राज्य की बिगड़ती कानून व्यवस्था पर हंगामा हुआ, तो दिल्ली में जंतर-मंतर पर लालू प्रसाद, शरद यादव और मुलायम सिंह यादव ने स्वस्थ राजनीति की दलील दी. लेकिन इन सब के इतर छपरा जिले में एक थानाध्यक्ष की अपराधियों ने गोली मारकर हत्या कर दी. छपरा के इसुआपुर में थानाध्यक्ष संजय तिवारी बैंक लूट की सूचना पर एक सिपाही के साथ अपराध रोकने पहुंचे थे.
बैंक लुटेरों की गोली से छलनी घायल थाना प्रभारी की छपरा के एक अस्पताल में मौत हो गई है. बताया जाता है कि थाना प्रभारी संजय तिवारी मोटरसाइकिल से अपराधियों का पीछा कर रहे थे, तभी उनपर गोलियां दागी गईं. थानाध्यक्ष को तीन गोलियां लगी, जिनसे अस्पताल में उनकी मौत हो गई. यानी सदन में जब अपराध पर चर्चा हो रही थी, ठीक उसी वक्त सड़क पर कानून का एक सिपाही अपराध जगत की भेंट चढ़ गया.
इससे पहले सोमवार को दिनभर बिहार विधानसभा का सत्र नहीं चला. विपक्ष राज्य में कानून-व्यवस्था की खराब हालत पर चर्चा चाहता था, लेकिन हंगामे के अलावा कुछ और हासिल नहीं हुआ. जबकि शाम ढलते-ढलते एक पुलिस अधिकारी के मारे जाने की खबर के बाद सरकार भी बैकफुट पर आ गई. बीजेपी ने सदन में खुफिया विभाग की उस चिट्ठी पर सरकार को आड़े हाथों लिया, जिसमें सीवान में संभावित हत्या की एक लिस्ट सामने आई है. इस लिस्ट में 23 लोगों के नाम हैं, जिनमें हाल के दिनों में दो लोगों की मौत हो चुकी है.
विपक्ष के मुताबिक, अपराध का खूनी खेल सीवान जेल में बंद पूर्व सांसद मोहम्मद शहाबुद्दीन के इशारों पर चल रहा है. सदन में सीवान के विधायक सरकार के खिलाफ आतंक और खौफ के नारे लिखे पोस्टर भी लेकर आए थे. जबकि मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने इस लिस्ट को पुरानी लिस्ट बताकर बीजेपी को ही घेरने की कोशिश की. बहरहाल, पुलिस अधिकारी की हत्या के बाद से बिहार में एक बार फिर कानून-व्यवस्था पर हंगामा होना तय है.
बिहार विधानसभा में सोमवार को राज्य की बिगड़ती कानून व्यवस्था पर हंगामा हुआ, तो दिल्ली में जंतर-मंतर पर लालू प्रसाद, शरद यादव और मुलायम सिंह यादव ने स्वस्थ राजनीति की दलील दी. लेकिन इन सब के इतर छपरा जिले में एक थानाध्यक्ष की अपराधियों ने गोली मारकर हत्या कर दी. छपरा के इसुआपुर में थानाध्यक्ष संजय तिवारी बैंक लूट की सूचना पर एक सिपाही के साथ अपराध रोकने पहुंचे थे.
बैंक लुटेरों की गोली से छलनी घायल थाना प्रभारी की छपरा के एक अस्पताल में मौत हो गई है. बताया जाता है कि थाना प्रभारी संजय तिवारी मोटरसाइकिल से अपराधियों का पीछा कर रहे थे, तभी उनपर गोलियां दागी गईं. थानाध्यक्ष को तीन गोलियां लगी, जिनसे अस्पताल में उनकी मौत हो गई. यानी सदन में जब अपराध पर चर्चा हो रही थी, ठीक उसी वक्त सड़क पर कानून का एक सिपाही अपराध जगत की भेंट चढ़ गया.
इससे पहले सोमवार को दिनभर बिहार विधानसभा का सत्र नहीं चला. विपक्ष राज्य में कानून-व्यवस्था की खराब हालत पर चर्चा चाहता था, लेकिन हंगामे के अलावा कुछ और हासिल नहीं हुआ. जबकि शाम ढलते-ढलते एक पुलिस अधिकारी के मारे जाने की खबर के बाद सरकार भी बैकफुट पर आ गई. बीजेपी ने सदन में खुफिया विभाग की उस चिट्ठी पर सरकार को आड़े हाथों लिया, जिसमें सीवान में संभावित हत्या की एक लिस्ट सामने आई है. इस लिस्ट में 23 लोगों के नाम हैं, जिनमें हाल के दिनों में दो लोगों की मौत हो चुकी है.
विपक्ष के मुताबिक, अपराध का खूनी खेल सीवान जेल में बंद पूर्व सांसद मोहम्मद शहाबुद्दीन के इशारों पर चल रहा है. सदन में सीवान के विधायक सरकार के खिलाफ आतंक और खौफ के नारे लिखे पोस्टर भी लेकर आए थे. जबकि मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने इस लिस्ट को पुरानी लिस्ट बताकर बीजेपी को ही घेरने की कोशिश की. बहरहाल, पुलिस अधिकारी की हत्या के बाद से बिहार में एक बार फिर कानून-व्यवस्था पर हंगामा होना तय है.